WHAT DOES HINDI STORY MEAN?

What Does hindi story Mean?

What Does hindi story Mean?

Blog Article

By vivid storytelling and meticulous analysis, Rahul Sankrityayan weaves collectively a tale of Indian history, mythology, and philosophy. The novel explores the themes of social transform, cultural continuity, along with the cyclical mother nature of lifestyle. This Hindi fiction guide is celebrated for its literary richness, historic depth, and also the author’s ability to present intricate Strategies in an available manner.

उस दिन बड़े सवेरे जब श्यामू की नींद खुली तब उसने देखा—घर भर में कुहराम मचा हुआ है। उसकी काकी उमा एक कंबल पर नीचे से ऊपर तक एक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि-शयन कर रही हैं, और घर के सब लोग उसे घेरकर बड़े करुण स्वर में विलाप कर रहे हैं। लोग जब उमा को श्मशान सियारामशरण गुप्त

हरिशंकर परसाई: हिंदी के महान व्यंग्यकार जिन्होंने अपने समकालीन लेखकों को भी नहीं बख़्शा

(एक) जब तक गाड़ी नहीं चली थी, बलराज जैसे नशे में था। यह शोर-गुल से भरी दुनिया उसे एक निरर्थक तमाशे के समान जान पड़ती थी। प्रकृति उस दिन उग्र रूप धारण किए हुए थी। लाहौर का स्टेशन। रात के साढ़े नौ बजे। कराची एक्सप्रेस जिस प्लेटफ़ार्म पर खड़ी थी, वहाँ चन्द्रगुप्त विद्यालंकार

इस कहानी से हमे क्या नैतिक शिक्षा मिलती है?

फिर हरी खुद ही घर से निकला और मिठाई की दूकान के सामने पहुँच गया। वह वहां खड़ा हो कर सोचने लगा की बिना पैसे के मिठाई कैसे खायी जाए। कुछ देर बाद उसने देखा की हलवाई दुकान अपने छोटे बेटे को सँभालने दे कर खुद सोने जा रहा है। यह देख कर हरी के दिमाग में एक तरकीब आयी। वह दूकान पर पहुंचा और मिठाई मांगने लगा। इस पर हलवाई के बेटे ने हरी से पैसे मांगे। हरी ने कहा की उसे मिठाई खाने के लिए पैसे देने की ज़रुरत नहीं है। हलवाई के बेटे को हरी की बात का यकीन न आया। हरी ने हलवाई के बेटे से कहा की की वह जाए और अपने पिताजी को बता आये की दुकान पर मिठाई खाने हरी आया है फिर देखते हैं वह क्या कहते हैं। हलवाई के बेटे ने ऐसा ही किया। हलवाई यह सुन कर भड़क गया की उसका बेटा उसे मक्खी के दूकान पर आने जैसी छोटी बात के लिए जगाने आ गया। उसने अपने बेटे को वहां डांट के भगा दिया। हलवाई के बेटे ने फिर हरी से कुछ न कहा। हरी ने मनपसंद मिठाई खायी और वहां से खिसक लिया।

Image: Courtesy Amazon It is a considered-provoking novel penned by Kamleshwar, a renowned Indian creator. Initially posted in Hindi, the novel delves into the elaborate material of India’s social and political landscape during the tumultuous period of partition in 1947. Kamleshwar weaves a narrative that explores the impact of partition about the lives of standard persons plus the deep-rooted scars it still left to the nation’s collective psyche.

समष्टि में इनके अर्थ हैं कि तू जीने योग्य है, तू भाग्योंवाली है, पुत्रों को प्यारी है, लंबी उमर तेरे सामने है, तू क्यों मेरे पहिए के नीचे आना चाहती है, बच जा."

मोती कभी भी गाय को रोटी खिलाना नहीं भूलता। कभी-कभी स्कूल के लिए देर होती तब भी वह बिना रोटी खिलाए नहीं जाता ।

(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी

अमूल अमेरिकी दूध बाज़ार पर पकड़ बनाने के लिए कर रहा ये कोशिश

‘क्यों बिरजू की माँ, नाच देखने नहीं जाएगी क्या?’ बिरजू की माँ शकरकंद उबाल कर बैठी मन-ही-मन कुढ़ रही थी अपने आँगन में। सात साल का लड़का बिरजू शकरकंद के बदले तमाचे खा कर आँगन में लोट-पोट कर सारी देह में मिट्टी मल रहा था। चंपिया के सिर भी चुड़ैल मँडरा फणीश्वरनाथ रेणु

वह इतना सुधर गया था , गली में निकलने वालों को परेशान भी नहीं करता।

लेकिन उसे अपनी लंबी पूंछ best hindi story पर बहुत गर्व था। अपनी लंबी लंबी पूंछ के कारण, वह कभी अपने पड़ोसियों के पास नहीं जा सका। वह केवल बड़े घरों और पैसे वाले लोगों से मिलने जाता था। उसके घमण्ड के कारण उसके पड़ोसी उसे नापसंद करने लगे। वे पीठ पीछे मोर का मजाक उड़ाते थे। एक दिन उन्होंने उस से मज़ाक करने का करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि एक बर्ड क्लब बनाया गया है और सभी पक्षियों ने मोर को अपना नेता

Report this page